लखनऊ: मई-जून में भीषण गर्मी और लू के प्रकोप के बाद मानसून ने दस्तक दी। शुरुआत में छिटपुट वर्षा के बाद जुलाई के पहले सप्ताह में लखनऊ समेत प्रदेशभर में जमकर बरसात हुई तो ऐसा लगा कि इस बार बारिश रिकार्ड तोड़ेगी, लेकिन 10 जुलाई के बाद राजधानी समेत 30 से अधिक जिलों में मानसून कमजोर पड़ गया।
लोग गर्मी और भीषण उमस से परेशान हैं। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2020 से लगातार बारिश का स्तर कम हुआ है। इस साल जून से लेकर अभी तक सामान्य से 37 प्रतिशत कम वर्षा हुई।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक, वार्षिक वर्षा और मानसून की बारिश के 1901 से 2023 के आंकड़ों का अध्ययन किया गया है। पिछले कुछ वर्षों से बारिश में कमी आई है।
उन्होंने कहा, यह सिर्फ चार-पांच साल की बात नहीं है, बल्कि 21वीं सदी में मानसून की बरसात सामान्य से 20 से 40 प्रतिशत तक की कम हुई है। वर्ष 2020 में सामान्य से 20 प्रतिशत कम, वर्ष 2021 में सामान्य से 43 प्रतिशत कम, वर्ष 2022 में सामान्य से 31 प्रतिशत कम, वर्ष 2023 में सामान्य से 16 प्रतिशत कम और इस साल अभी तक 37 प्रतिशत कम बरसात रिकार्ड की गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार को पूर्वी यूपी में बादल जमकर बरसेंगे। खासकर, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महराजगंज और सिद्धार्थनगर के अलावा गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत और आसपास के जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है।
इसका असर लखनऊ में भी देखने को मिल सकता है। हालांकि, राजधानी में बादलों की आवाजाही के साथ वज्रपात की चेतावनी जारी की गई है। यहां बारिश का सिलसिला सोमवार से शुरू होने का पूर्वानुमान है।
इसके अलावा बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मीरजापुर, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, लखीमपुर, रायबरेली, अमेठी, सुलतानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मधुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, बिजनौर, अमरोहा, रामपुर, बरेली समेत आसपास के जिलों में अगले दो दिन बादलों की आवाजाही के साथ वज्रपात का अलर्ट है।