Thursday, November 21, 2024
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‘हम मेहनत करने वाले लोग हैं, रील बनाने वाले नहीं’, विपक्ष के इस्तीफे की मांग पर अश्विनी वैष्णव ने दिया जवाब…

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नई दिल्ली: कुछ दिनों पहले झारखंड के चक्रधरपुर मंडल के राजखरसवां-बाराबंबू रेलवे स्टेशनों के बीच हावड़ा-सीएसटीएम मेल डिरेल हो गई इस हादसे में 3 यात्रियों की मौत हो गई। वहीं, पिछले कुछ महीनों में रेल दुर्घटना की कई घटनाएं घट चुकी है।

रेल दुर्घटना को लेकर विपक्षी नेता लगातार रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को घेर रहे हैं। विपक्ष लगातार रेल मंत्री से इस्तीफा की मांग कर रहा है। इसी बीच लोकसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर निशाना साधा।

अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस से पूछा सवाल
उन्होंने कहा कि हम सिर्फ रील बनाने वाले नहीं, काम करने वाले लोग हैं। रेल हादसे को लेकर विपक्षी नेताओं द्वारा विपक्षी नेताओं ने संसद में जमकर हंगामा किया। विपक्ष के हंगामे पर नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्रीय रेलवे मंत्री ने कहा कि जो लोग यहां चिल्ला रहे हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए कि सत्ता में रहते हुए 58 साल में वो एक किलोमीटर भी ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) क्यों नहीं लगा पाए।

विपक्ष पर बरस पड़े रेलवे मंत्री
गौरतलब है कि विपक्षी नेताओं के हंगामे पर केंद्रीय मंत्री काफी नाराज दिखे। उन्होंने विपक्षी नेताओं को तल्ख लहजे में अपनी सीट पर बठने के लिए कहा। अश्विनी वैष्णव ने हंगामा कर रहे विपक्षी नेताओं से कहा,”चुप, बैठ जाइए बैठिए कुछ भी बोलते हैं।” इसके बाद उन्होंने चेयर को संबोधित करते हुए कहा कि ये क्या तरीका है, कुछ भी बीच में बोल देते हैं।”

अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा,”आज ये सवाल उठाने की हिम्मत कर रहे हैं, जब ममता बनर्जी रेल मंत्री थीं तो हादसा आंकड़ा 0.24 से घटकर 0.19 हो जाने पर ये लोग सदन में ताली बजाते थे और आज जब ये 0.19 से घटकर 0.03 हो गया तो ये इस तरह का दोष लगाते हैं।”

रेल हादसे को रोकने के लिए सरकार उठा रही कदम: केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि हर साल दो करोड़ लोग रेल यात्रा करते हैं। विपक्षी नेता रेल यात्रियों के मन में भय पैदा करना चाहते हैं। अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा, “रेल हादसों को रोकने के लिए पूरे देश में मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग कर दी गई है, जहां हर साल कोई स्कूल बस या कोई दुर्घटना हो जाती थी। स्टेशन का पूरा कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के माध्यम से होता है। दुनिया के बड़े देशों में 1980-90 के दशक में लग गई थी। अपने यहां स्लो पेस से काम चल रहा था।”

उन्होंने आगे कहा,”साल 2014 में हमारी सरकार आने के बाद हमने 2015 में एटीपी डेवलप करने का संकल्प लिया और 2016 में कवच के ट्रायल्स शुरू हुए। कोविड के दौरान भी हमारी सरकार ने ट्रायल्स जारी रखे।”

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