लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शिक्षित और प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के मूल बजट में सरकार ने ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ का प्रावधान किया था, अब समय आ गया है कि इस पर क्रियान्वयन प्रारंभ कर दिया जाए।
अभियान के संबंध में एमएसएमई विभाग के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना स्वरोजगार सृजन के प्रयासों में बड़ी भूमिका निभाने वाली होगी। योजना के बारे में अधिकाधिक युवाओं को अवगत कराया जाए ताकि युवा प्रोत्साहित हों और आत्मनिर्भर होकर अपनी आजीविका कमा सकें।
बैठक में प्रमुख सचिव, एमएसएमई ने मुख्यमंत्री को बताया कि अभियान के तहत प्रतिवर्ष 1,00,000 युवाओं को बैंकों से ऋण दिलाकर वित्तीय अनुदान दिया जाएगा, जिससे प्रतिवर्ष 01 लाख सूक्ष्म उद्यम प्रतिवर्ष स्थापित हो सकेंगे। इस प्रकार आगामी 10 वर्षों में 10 लाख (एक मिलियन) युवा स्वरोजगार से जुड़ सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान के तहत सामान्य वर्ग के अलावा, ओबीसी, महिला, दिव्यांगजन तथा एससी, एसटी के पुरुष के अलावा महिलाओं को उद्यम स्थापित करने पर अनुदान देने का प्रावधान हो, साथ ही, मार्जिन मनी पर भी सब्सिडी दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा उद्यमियों को यथासंभव ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध हो, इसके लिए एक तय अवधि तक ऋण के ब्याज उपादान और सीजीटीएमएसई कवरेज की सुविधा भी दी जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि योजना के सही क्रियान्वयन और सतत मॉनीटरिंग के लिए आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात सीएम फेलो की तर्ज पर यहां भी हर जिले में योग्य युवाओं की तैनाती की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि उद्यम स्थापित करने के लिए वित्तपोषण से पहले युवाओं को विधिवत प्रशिक्षण भी दिलाया जाना चाहिए। नए उद्यमियों को उनके उत्पाद की पैकेजिंग, ब्रांडिंग व मार्केटिंग में भी मदद करें।