लखनऊ: योगी सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ये भाजपा सरकार का नौवां बजट है। ये बजट नहीं बल्कि बहुत बड़ा ढोल है जिसमें आवाज तो बहुत है पर अंदर से खोखला है। उन्होंने कहा कि इसे देखकर किसानों की उम्मीदों का खेत सूख गया है। महिलाओं के माथे पर घर चलाने की चिंता की लकीरें उभर आई हैं। आम जनता के लिए इसमें कुछ नहीं है लोग कह रहे हैं कि सरकार का प्रवचन तो गया है अब बजट कब आएगा।
उन्होंने कहा कि बजट देखकर मंत्री और विधायक भी निराश हैं क्योंकि इसमें उनके अपने विभाग के लिए कुछ नहीं है। आखिर उन्हें ही जनता को फेस करना है। भाजपा ने इस बजट में भी अपने संकल्प पत्र के वादे पूरे नहीं किए हैं। ये उनका नौवां बजट है।
अखिलेश यादव ने कहा कि बजट में महंगाई और बेरोजगारी को नियंत्रित करने के लिए कुछ भी नहीं है। प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश होने पर उन्होंने कहा कि बजट बड़ा होने से कुछ नहीं होता है सवाल ये है कि इसमें युवा, किसान और बेरोजगारों और महिलाओं को क्या मिला है। इस वर्ष के बाद योगी सरकार अपना आखिरी बजट पेश करेगी जिसके बाद नई सरकार सत्ता में आएगी। बिना विजन वाला बजट है।
बसपा सुप्रीमो मायावती बोलीं, ये बजट मध्यम वर्ग के तुष्टीकरण वाला..
मायावती ने यूपी के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर कहा कि यूपी सरकार द्वारा विधानसभा में आज पेश 2025-26 का बजट यदि व्यापक जनहित व जनकल्याण का ज्यादा होता तो यह बेहतर होता, जबकि बजट में महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन को दूर करने व आमजन की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के प्रति पर्याप्त सरकारी नीयत-नीति का अभाव है। ऐसे सही विकास कैसे संभव है?
कुल मिलाकर, यूपी भाजपा सरकार का बजट भी पेट भरे मध्यम वर्ग के तुष्टीकरण वाला है जबकि सरकारों की असली चिन्ता व संवैधानिक दायित्व करोड़ों परिवारों की दरिद्रता को दूर करके सुख-चैन पहुंचाने वाला सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के उद्देश्य की पूर्ति का होना चाहिए। ऐसा ना होना चिन्तनीय।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के शहर, गांव, क्षेत्र एवं समाज बुनियादी सुविधाओं के अभाव व अनेकों विषमताओं से जूझ रहे हैं तथा लोगों को जब सड़क, पानी, स्कूल, अस्पताल, रोजी-रोजगार के बेहतर व्यवस्था करने की मांग है तब उन्हें दूसरे सपने दिखाना यह समस्या का सही समाधान नहीं।
उन्होंने कहा कि भाजपा से पहले यूपी बदहाल था, यह दावा उचित नहीं क्योंकि बसपा की मेरी सरकार में जनहित व जनकल्याण तथा अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में हर स्तर पर कानून द्वारा कानून का बेहतरीन राज था, जिसे लोग अब तरस रहे हैं जबकि भाजपा की नीतियों से बहुजन समाज बदहाल है।