लखनऊ: नौकरी की तलाश के बजाय स्वरोजगार के लिए युवाओं को प्रेरित करने की दिशा में एमएसएमई विभाग ने ठोस तैयारी की है। पांच लाख का ब्याज मुक्त ऋण युवा किस काम के लिए लें, इसके लिए 500 से ज्यादा बिजनेस मॉडल बनाए हैं। डिफॉल्टर न हों, इसके लिए हर जिला मुख्यालय में एक रिटायर बैंक अधिकारी और मंडल में चार्टर्ड अकाउंटेंट की नियुक्ति की गई है जो लोग युवाओं को मुफ्त परामर्श देंगे। कॉल सेंटर में हर सवाल का जवाब देने के लिए एक्सपर्ट भी तैयार किए गए हैं।
CM योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी सीएम युवा उद्यमी विकास योजना में 2.25 लाख से ज्यादा उद्यमी पंजीकरण करा चुके हैं। जानकारी के लिए एमएसएमई विभाग की वेबसाइट को पीक टाइम में एक सेकंड में 8000 से ज्यादा लोग देख रहे हैं। योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा युवाओं को मिले, इसके लिए पूरा मैकेनिज्म बनाया गया है। छोटे उद्यमों के तैयार बिजनेस मॉडल में प्रत्येक की प्रोजेक्ट रिपोर्ट, उत्पादन या सेवा, मार्केटिंग व बिक्री तक का ग्राफ दिया गया है, जो पूरी तरह मुफ्त है।
इसका फायदा ये हो रहा है कि जिन युवाओं को अपनी क्षमताओं की पहचान नहीं है, वे बिजनेस मॉडल देखकर क्षमता के अनुसार ऋण के लिए आवेदन कर रहे हैं। सुरक्षित कारोबार के लिए फ्रेंचाइज मॉडल पर विभाग काम कर रहा है। सफल ब्रांड्स की चेन का हिस्सा बनाने के लिए लोन का प्रावधान है जिसमें रिस्क फैक्टर बहुत कम है। फ्रेंचाइज मॉडल पर खास फोकस के तहत मार्च में एक बड़ा सम्मेलन भी विभाग कराएगा।
योजना के तहत दिया जाने वाला ब्याजमुक्त ऋण सुरक्षित रहे, इसके लिए सरकार ने गारंटी ली है ताकि अधिकतम युवाओं को लोन दिया जा सके। जानबूझकर कर्ज न चुकाने की मंशा रखने वालों पर भी सख्ती के प्रावधान है। आधार लिंक होने से ऐसे लोग भाग नहीं सकेंगे और सिबिल स्कोर खराब होने पर भविष्य में कोई बैंक कर्ज नहीं देगा। कारोबार शुरू करने से पहले मुफ्त परामर्श के लिए रिटायर बैंक अधिकारियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की सेवाएं दी जा रही हैं। भविष्य में रिटायर वरिष्ठ अधिकारियों की भी सेवा लेने की तैयारी है।
प्रमुख सचिव एमएसएमई व औद्योगिक विकास आलोक कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इस योजना की सफलता के लिए व्यावहारिक मॉडल तैयार किए गए हैं। जो युवा उद्यम शुरू करना चाहते हैं उनके लिए 500 से ज्यादा बिजनेस मॉडल तैयार किए हैं। बैंकों को ऋण डूबने की चिंता से मुक्त करने के लिए 75 फीसदी लोन की गारंटी सरकार ने ली है। कॉल सेंटर के साथ ऑफलाइन परामर्श की सुविधा भी दी जा रही है। अब तक योजना के तहत 450 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।