बाराबंकी: पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर अटेवा-पेंशन बचाओ मंच के सदस्यों ने आज बाराबंकी सांसद तनुज पुनिया से मुलाक़ात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। मंच के प्रतिनिधियों ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि नई पेंशन योजना (NPS) कर्मचारियों के भविष्य के लिए घातक साबित हो रही है।
पेंशन बहाली की पुरज़ोर मांग
अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने इस अवसर पर बताया कि नई पेंशन योजना के चलते लाखों कर्मचारियों और शिक्षकों की आर्थिक सुरक्षा खतरे में है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली लाखों सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के हित में आवश्यक है। उन्होंने सरकार से इस दिशा में शीघ्र ठोस कदम उठाने की मांग की।
तनुज पुनिया ने दिया आश्वासन
सांसद तनुज पुनिया ने अटेवा के प्रतिनिधियों की बातों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को संसद में पूरी मज़बूती से उठाएंगे। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के जीवनयापन में किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं आनी चाहिए और इसके लिए वह हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मांग को सरकार तक पहुँचाने के लिए हर स्तर पर प्रयास करेंगे।
शिक्षकों और कर्मचारियों का ज़ोरदार प्रदर्शन
ज्ञापन सौंपने के दौरान अटेवा पेंशन बचाओं मंच के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के साथ सांसद तनुज पुनिया को ज्ञापन प्रस्तुत करने वालों में से मुख्य रूप से जिला संयोजक अमित कुमार, महामंत्री अरूण कुमार वर्मा, आशुतोष वर्मा, अशोक सिंह, अभिषेक नाग, दिनेश वर्मा, विपिन वर्मा सहित सैंकड़ों की संख्या में सरकारी कर्मचारी और अटेवा के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने एकजुट होकर “पुरानी पेंशन हमारा अधिकार है” के नारे लगाए और सरकार से जल्द से जल्द इस पर निर्णय लेने की मांग की। उपस्थित सदस्यों ने ज़ोर देकर कहा कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल किए बिना कर्मचारियों को न्याय नहीं मिल सकता।
अटेवा की आगे की रणनीति
अटेवा मंच ने स्पष्ट कर दिया कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता है, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। मंच ने सभी कर्मचारियों से एकजुट होकर इस संघर्ष को और अधिक मज़बूती देने की अपील की।
अटेवा के इस ज्ञापन सौंपने के बाद सरकार पर दबाव बढ़ने की उम्मीद है और कर्मचारियों को अब संसद में इस मुद्दे के उठने का इंतज़ार है।