लखनऊ: यूपी के फर्स्ट रेफरल यूनिट के रूप में चिह्नित अस्पतालों में रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक ऑन कॉल ड्यूटी करने वाली निजी प्रैक्टिस करने वाली महिला रोग विशेषज्ञ को 5000 रुपये दिए जाएंगे। इसमें चार हजार मानदेय और एक हजार रुपये यात्रा भत्ता होगा। फॉलोअप वाले मरीज को देखने पर 1500 रुपये दिए जाएंगे।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को फर्स्ट रेफरल यूनिट के रूप में चिह्नित किया गया है। इन अस्पतालों में जहां एक ही गाइनेकोलॉजिस्ट और एनेस्थेसिस्ट हैं, उनके अस्पताल में न रहने और सिजेरियन प्रसव की जरूरत पड़ने पर संबंधित इलाके के निजी क्षेत्र के डॉक्टर को बुलाने की व्यवस्था है। इसके लिए अनुबंध भी किया गया है।
पहले गाइनेकोलॉजिस्ट और एनेस्थेसिस्ट को प्रति कॉल 2000 रुपये मानदेय और 1000 यात्रा भत्ता दिया जाता था। अब सुबह आठ से शाम आठ बजे तक का मानदेय 2000 रखा गया है, जबकि रात आठ बजे से सुबह आठ तक बुलाए जाने पर संबंधित डॉक्टर को 4000 रुपये और यात्रा भत्ता 1000 रुपये मिलेंगे।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि विभिन्न जिलों को अनुमानित व्यय के रूप में 1.41 करोड़ जारी कर दिए गए हैं। इस राशि को संबंधित जिले के फर्स्ट रेफरल यूनिट को भेजा जाएगा।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह एक और महत्वपूर्ण कदम है। इससे मरीजों को और बेहतर उपचार मिलेगा। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से बजट आवंटित किया जा रहा है।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि अंबेडकरनगर के लिए 1.67 लाख, अमेठी के लिए 1.29 लाख, अयोध्या के लिए 1.73 लाख, बहराइच के लिए 2.42 लाख, बलरामपुर 1.49 लाख, बाराबंकी के लिए 2.27 लाख रुपये, गोंडा के लिए 2.38 लाख, हरदोई के लिए 2.86 लाख, लखीमपुर खीरी के लिए 2.80 लाख, लखनऊ के लिए 3.42 लाख, रायबरेली के लिए 2.02 लाख, श्रावस्ती के लिए 77 हजार, सीतापुर के लिए 3.12 लाख, सुल्तानपुर के लिए 1.68 लाख समेत प्रदेश के अन्य जिलों के लिए भी राशि आवंटित की जा रही है।