गोरखपुर: आज दिनांक 07/08/2024 को दलित समुदाय तथा नागरिक समाज के लोगों की प्रतिनिधि मंडल ने दिन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात की और प्रेमचंद पार्क में आयोजित नाटक के संदर्भ में हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ• राम नरेश राम के प्रकरण में बात की और कुलपति को अवगत कराया की डॉ• राम नरेश राम में आदर्श शिक्षक के सभी गुण विद्यमान है।वे लगातार विश्वविद्यालय एवं समाज में साहित्य लिखने पढ़ने का कार्य करते है।जिसे लेकर कुछ असामाजिक तत्व अनावश्यक उनकी बौद्धिक क्षमता और छात्रों में बढ़ती लोकप्रियता को बर्दास्त नहीं कर पाते है तथा परदे की पीछे से षडयंत्र रचते रहते है।कुछ जातिवादी बच्चो को उनके खिलाफ भड़काते है और आरोप लगाते हैं जबकि उपरोक्त आरोप में कोई सच्चाई नहीं है इसलिए दलित समाज से आने वाले शिक्षकों,विद्यार्थियों पर तथ्यहीन आरोप जाती विशेष पर लगा कर देखना अन्याय पूर्ण है।इस तरह के दूषित मानसिकता वाले लोगो को दलित समाज स्वीकार्य नहीं करेगा।ऐसे लोगो के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाए अन्यथा हम लोग आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।इस तरह की घटना विश्वविद्यालय की छवि एवं एक विशेष जाति वर्ग की छवि को धूमिल करती है।
इसी संदर्भ में विश्वविद्यालय के छात्र नेता भास्कर चौधरी ने कहा कि दलित समाज के शिक्षक पर लगाया गया झूठा आरोप बर्दास्त नही किया जाएगा।
शोध छात्र पवन कुमार ने मामले की सच्चाई से अवगत कराते हुए कुलपति से कहा कि – प्रेमचन्द पार्क में आयोजित नाटक में डॉ. राम नरेश राम जी ना तो निर्देशक थे और ना ही स्क्रिप्ट राइटर उन्होंने केवल एक पात्र (कृष्णचंद्र) का रोल किया था, वो भी विश्विद्यालय की समय सारिणी के बाद नाटक की प्रस्तुति 5 बजे के बाद की गई थी।
छात्र नेता सतीश चन्द्र ‘सिंघम’ ने कहा कि विश्विद्यालय के शिक्षकों पर ऐसे ही बेबुनियादी आरोप लगाया जाएगा तो विश्विद्यालय की छवि के साथ साथ पूरे समाज की छवि धूमिल होगी और ऐसे लोगो के ऊपर विश्वविद्यालय प्रशासन आवश्यक कार्यवाही करें।
इस मौके पर छात्र नेता योगेश प्रताप सिंह,अंकित कुमार गौतम, आकाश पासवान,गंगेश,अनंत कीर्ति आनंद, कुमार,रामकृष्ण,हरिश्चंद,सुधीराम रावत, अरस्तु,ईश्वर, रंजित,विद्यासागर,प्रतिमा सहाय,शुभम,संजीव,अंकुर सिंह,चंदन यादव सहित दर्जनों छात्र उपस्थित रहे।