लखनऊ: परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में कागजों पर छात्रों की संख्या बढ़ाए जाने का मामला सामने आया है। कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के शिक्षकों को दूसरे विद्यालयों में समायोजित किया जाना है। ऐसे में समायोजन से बचने के लिए 3,207 स्कूलों में छात्रों की संख्या को बढ़ाया गया है। सभी जिलों से भेजी गई सूची की जांच में गड़बड़ी सामने आने के बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 30 छात्रों पर एक शिक्षक की तैनात किया जाता है। ऐसे ही 31 से 60 छात्र पर दो, 61 से 90 छात्र पर तीन, 91 से 120 विद्यार्थी पर चार, 121 से 150 पर पांच और 151 से अधिक छात्र होने पर छह शिक्षक तैनात किए जाते हैं।
प्रदेश भर में जिन 3,207 परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में छात्र संख्या में गड़बड़ी उजागर हुई है उनमें 61 छात्र संख्या वाले 1,556 स्कूल, 91 छात्र संख्या वाले 886 विद्यालय, 121 छात्र संख्या वाले 490 और 151 छात्र संख्या वाले विद्यालयों की संख्या 275 है।
उदाहरण के तौर पर अगर किसी स्कूल में छात्रों की संख्या 60 है तो दो शिक्षक तैनात होंगे और अगर विद्यार्थियों की यह संख्या 61 है तो फिर तीन शिक्षक नियमानुसार तैनात रह सकते हैं। कम छात्र संख्या वाले स्कूलों से अतिरिक्त शिक्षकों को अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों में समायोजन किया जाना है। गलत ढंग से छात्र संख्या बढ़ाने वाले सबसे ज्यादा 128 स्कूल जौनपुर के हैं। वहीं सोनभद्र के 122, हरदोई के 89, गोंडा के 80 और सुलतानपुर के 78 विद्यालय शामिल हैं।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सूची भेजकर मामले की तत्काल जांच कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूलों की सही छात्र संख्या भेजने व आरोपित शिक्षक व खंड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में कुल 1.34 लाख परिषदीय स्कूलों में 1.54 करोड़ छात्र हैं और 4.50 लाख शिक्षक तैनात हैं।