लखनऊ: गर्मी बहुत है चलो कोल्डड्रिंक पी लेते हैं… ये आदत युवाओं को महंगी पड़ रही है। खानपान में कोल्डड्रिंक और फास्टफूड का अत्यधिक इस्तेमाल उनके गुर्दे को खतरनाक तरीके से नुकसान पहुंचा रहा है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि हैलट के मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में हर महीने 20 से 30 साल की उम्र के गुर्दा रोगियों की संख्या 30 फीसदी तक हो गई है।
इनमें से आधों को डायलिसिस या गुर्दा ट्रांसप्लांट की सलाह दी जा रही है। पांच साल में इनकी संख्या तेजी से बढ़ी है। पहले इस उम्र वर्ग के पांच फीसदी रोगी ही हैलट आते थे। मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में हर महीने करीब 100 किडनी रोगी आ रहे हैं।
गुर्दा रोग विशेषज्ञों के अनुसार, इन युवा रोगियों में एक बात समान रूप से पाई गई कि ये कोल्डड्रिंक और फास्टफूड का अत्यधिक सेवन करते थे। डॉक्टरों के अनुसार ये रोगी कोल्डड्रिंक के इस कदर लती थे कि एक दिन में दो से ढाई लीटर तक पी जाते थे। फास्टफूड भी इनके खानपान का नियमित हिस्सा था।
नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. युवराज गुलाटी ने बताया कि कोल्डड्रिंक में भारी मात्रा में शर्करा होती है, जिससे मोटापा और यूरिक एसिड भी बढ़ता है। यूरिक एसिड बढ़ने पर ये जोड़ों में रुकने लगता है और किडनी पर इसे बाहर निकालने के लिए अतिरिक्त दबाव पड़ता है।