लखनऊ: मौसम का मिजाज धीरे-धीरे ठंड की ओर बढ़ रहा है। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के तापमान में गिरावट देखी जा रही है, जिससे सुबह और शाम के समय ठंड महसूस होने लगी है।मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में शुष्क मौसम के कारण तापमान में हल्की गिरावट बनी रह सकती है, जिससे ठंड धीरे-धीरे बढ़ने की संभावना है। यह मौसम किसानों और अन्य कामकाजी लोगों के लिए अनुकूल माना जा सकता है, हालांकि सुबह के समय यात्रा करने वालों को धुंध और कोहरे के कारण सावधानी बरतने की आवश्यकता है।वहीं, चार नवंबर को पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है, जिससे ठंड में मामूली वृद्धि का अनुमान है। अगले सात दिन में राज्य के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में मौसम के शुष्क बने रहने की संभावना जताई गई है। आठ नवंबर तक प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में सुबह के समय कई जगहों पर हल्की धुंध और कोहरे का असर रहेगा, जिससे दृश्यता प्रभावित हो सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में शुष्क मौसम के साथ-साथ सुबह के समय कहीं-कहीं धुंध और कोहरा छाने की संभावना है। हालांकि चार नवंबर को पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में मध्यम से घने कोहरे की चेतावनी भी दी है। इन दिनों में सतही दृश्यता 50 से 500 मीटर तक गिरने की संभावना है, जिससे परिवहन और यात्रा में बाधा आ सकती है।
नवंबर की शुरुआत के साथ ही तापमान में उतार-चढ़ाव का असर दिखने लगा है। पिछले चार दिन में न्यूनतम तापमान में 20.0 डिग्री सेल्सियस से गिरकर 15.0 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। जिससे रात में हल्की सर्दी पड़ने लगी है। पिछले 24 घंटे में अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस से गिरकर 32.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।मौसम में इस तरह के बदलाव की मुख्य वजह उत्तर पश्चिमी दिशा से हवा का चलना है। लगातार इस दिशा से हवा चलते रहने से सर्दी का बढ़ना शुरू हो जाएगा।
मौसम विशेषज्ञ ने बताया कि रविवार को अधिकतम तापमान 32.8 और न्यूनतम तापमान 15.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। जबकि वातावरण में नमी का अधिकतम प्रतिशत 86 और न्यूनतम प्रतिशत 51 रहा। उत्तर पश्चिमी दिशा से 1.5 किमी प्रति घंटा की गति से हवा चली। आने वाले दिनों पहाड़ों पर बर्फबारी की संभावना है जिसकी वजह से मैदानी क्षेत्रों में सर्दी का बढ़ना शुरू हो जाएगा। किसानों के लिए सलाह है कि वो गेहूं और रबी की फसलों की बोआई शुरू कर सकते हैं।