गोरखपुर: एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सिंचाई विभाग के लिपिक ऋषिनंदन गौड़ को 5000 रुपये रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों धर दबोचा। मामला एक सेवानिवृत्त कर्मचारी से घूस मांगने का था, जो अपनी ग्रेच्युटी के रुपये पाने के लिए विभाग का चक्कर लगा रहा था।
परेशान होकर उसने भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाई और पुलिस लाइन स्थित एंटी करप्शन थाने में जाकर शिकायत कर दी। गोपनीय जांच में आरोप की पुष्टि होने पर एंटी करप्शन की टीम ने जाल बिछाई तो रिश्वतखोर फंस गया।
खजनी के तितरिया गांव के इंद्रेश सिंह सिंचाई विभाग में हेल्पर थे और 31 दिसंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए।अपनी ग्रेच्युटी की राशि लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। विभाग के लिपिक ऋषिनंदन गौड़ ने उनसे फाइल आगे बढ़ाने के लिए 5000 रुपये रुपये मांग रहा था।
पहले तो इंद्रेश सिंह ने चक्कर लगाकर अपना काम निकलवाने की कोशिश की, लेकिन जब रिश्वत दिए बिना काम नहीं हुआ, तो उन्होंने पुलिस लाइन स्थित एंटी करप्शन दफ्तर में शिकायत दर्ज कराई। निरीक्षक राम बहादुर पाल ने मामले की गोपनीय जांच कराई तो आरोप सही मिला इसके बाद कार्रवाई करने के लिए जाल बिछाया।
मंगलवार दोपहर अपनी टीम के साथ निरीक्षक रामबहादुर पाल रेलवे स्टेशन रोड स्थित नलकूप खंड-1 कार्यालय के पास चाय की दुकान पर पहुंचे। योजनाबद्ध तरीके से इंद्रेश सिंह ने लिपिक को दोपहर 2:30 बजे रुपये देने के लिए बुलाया। जैसे ही ऋषिनंदन गौड़ ने रुपये से भरा पैकेट हाथ में लिया, टीम ने झपट्टा मारकर उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
पकड़े जाने के बाद लिपिक को कैंट थाने लाया गया, जहां भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। दोपहर बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे सीधे जेल भेज दिया गया।