Saturday, June 14, 2025
No menu items!

भारतीय संविधान की आत्मा है सत्यमेव जयते – डा. अनाम

Must Read

लखनऊ: उत्कर्ष लखनऊ का पाक्षिक संगोष्ठी आयोजन गांधी दर्शन का पांचवां चरण सम्पन्न हुआ। दारूलशफा परिसर में वक्ताओं ने सत्यमेव जयते को भारतीय संविधान की आत्मा बताया। मुख्य वक्ता के रूप में डा.अनाम ने कहा कि मानव धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं है और भारत की आत्मा इसके धर्मनिरपेक्ष रूप में निवास करती है। भारत को आजादी दिलाने में गांधी और नेहरू के ऐतिहासिक योगदान पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सुभाषचंद्र बोस से लेकर भगत सिंह तक सभी क्रांतिकारी साम्प्रदायिकता और जातिवाद की सोच से मुक्त स्वतंत्र भारत का सपना देखते थे। लेकिन आज धर्म की राजनीति हावी है और राम,कृष्ण,कबीर तथा हनुमान जैसे आदर्शों की जाति ढूंढी और बताई जा रही है।
हसनगंज क्षेत्र के पोस्ट वार्डन अनंत सिंह तोमर ने बताया कि सत्यमेव जयते का उद्घोष आजादी की लड़ाई के दौरान पंडित मदन मोहन मालवीय ने 1918 में बतौर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में किया था।
तोमर के अनुसार पंडित मालवीय ने यह नारा बंकिमचन्द्र चटर्जी के कालजयी उपन्यास आनंद मठ से उद्धृत किया था जिसे बाद में भारत के संविधान निर्माण के समय डा. अंबेडकर ने संवैधानिक गौरव प्रदान किया।
गांधी दर्शन संगोष्ठी के संचालक विमल प्रकाश ने बताया कि 23 मई को आयोजित होने वाले आगामी चरण में लखनऊ के रिफाह-ए-आम क्लब को बचाने और इसके सौंदर्यीकरण पर वार्ता होगी।
संगोष्ठी के संयोजक ज़ाहिद अली ने बताया कि इससे पूर्व यह संगोष्ठी वजीरगंज क्षेत्र में निर्धारित थी किन्तु आपरेशन सिंदूर के बाद सुरक्षा कारणों से इसे अंयंत्र कराने का निर्णय लिया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img
Latest News

विरासत समूह ने धूमधाम से मनाई अपनी 10वीं वर्षगांठ…

लखनऊ: रियल एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी और कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में अग्रणी विरासत समूह ने आज अपनी स्थापना की 10वीं वर्षगांठ...
- Advertisement -spot_img

More Articles Like This