लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले दिनों बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में अंबेडकर जयंती का पारंपरिक आयोजन कर रहे छात्रों पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मनुवादी मानसिकता के तहत बर्बर हमला किया गया गया। इस हमले के बाद से ही विश्वविद्यालय के छात्र कुलपति आवास के बाहर न्याय की माँग को लेकर धरना दे रहें थे।
छात्र इस घटना के जिम्मेदार विवि के प्रशासनिक अधिकारियों को हटाए जाने की माँग कर रहे थे सुनवाई न होने की स्थिति में छात्रों ने तेज धूप में भूख हड़ताल की शुरुआत की।
17 अप्रैल से जारी धरने औऱ भूख हड़ताल के चौथे दिन कल आधी रात में पुलिस द्वारा भारी दल बल के साथ छात्रों को जिसमें छात्रों के अभिभावक भी शामिल थे उन्हें क्रूरतापूर्ण ढंग से गिरफ्तार कर लिया गया।
यह गिरफ्तारी पूर्णतः असवैधानिक व अनैतिक थी। यह गिरफ्तारी केंद्र सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालय प्रशासन व राज्य सरकार द्वारा संचालित पुलिस के मनुवादी चाल व चरित्र को दर्शाता हैं। आधी रात में की गई छात्राओं और अभिभावकों की गिरफ्तारी कानून के राज को तानाशाही के राज में तब्दील हो जाने की सूचक हैं।
गिरफ्तारी के दूसरे दिन छात्र अदालत से जमानत के बाद बाहर आए,आधी रात की इस अवैध गिरफ्तारी पर किसी की जवाबदेही नहीं तय हुई,उल्टे छात्रों की न्यायपूर्ण माँगो को स्वीकार करने के बजाय विश्वविद्यालय प्रशासन ने 4 छात्रों को 3 महीने के लिए निलंबित कर दिया।
यह पूरी कार्यवाई छात्र समुदाय के लिए अत्यंत चिंताजनक है। विश्वविद्यालय प्रशासन व पुलिस की अवैध कार्यवाइयों पर कोई अंकुश नहीं हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय का छात्र समुदाय इस पूरी कार्यवाई की निंदा करता है और न्याय के लिए जारी BBAU के छात्रों के संघर्ष के साथ एकजुटता व्यक्त करता है। हम माँग करते हैं कि चारों छात्रों का निलंबन तत्काल वापस हो और आंदोलन की माँगों को पूरा किया जाए। – संयुक्त छात्र मोर्चा LU.