लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस में लिपिक संवर्ग में संविदा पर भर्ती के प्रस्ताव से जुड़ा एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जहां पुलिस महकमे को बड़ी किरकिरी का सामना करना पड़ा है, वहीं विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला किया है। पुलिस मुख्यालय ने इस पर सफाई दी है कि त्रुटिवश यह पत्र जारी हुआ, ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। मामले को तूल पकड़ता देख प्रकरण की जांच शुरू की गई है।
स्थापना शाखा से गलत पत्र किन परिस्थितियों में जारी हुआ और बिना परीक्षण के अन्य शाखाओं में भेजा गया, एडीजी स्थापना संजय सिंघल ने एएसपी को इसकी जांच सौंपी है। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज किया कि भाजपा कहीं किसी दिन ‘सरकार’ ही आउटसोर्स न कर दे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी एक्स पर पोस्ट लिखी है जबकि आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी कहा कि उत्तर प्रदेश में सुरक्षा के साथ मजाक किया जा रहा है।
पूरे मामले की शुरुआत बुधवार रात हुई, जबकि डीआईजी स्थापना की ओर से सभी शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें लिपिक संवर्ग में आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती को लेकर सुझाव मांगे गए थे।
वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में यह बात आते ही डैमेज कंट्रोल के प्रयास शुरू हुए। डीजीपी मुख्यालय ने स्पष्ट किया कि विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग पर रखे जाने की व्यवस्था है। इसे लेकर पत्र जारी किया जाना था, लेकिन त्रुटिवश लिपिक संवर्ग पर भर्ती का जारी हो गया। इस पत्र को निरस्त कर दिया गया है।
इसके बाद गुरुवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर भाजपा सरकार को घेरा। कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने सेना की भर्ती में नौजवानों का भविष्य अग्निवीर योजना लाकर बर्बाद कर दिया है। अब उसकी नजर पुलिस विभाग पर है। सरकार जवाब दे कि जब पुलिस का अपना भर्ती बोर्ड है तो सीधी स्थायी नियुक्ति से सरकार भाग क्यों रही है?
अखिलेश ने एक्स पर पोस्ट किया ‘एक-के-बाद-एक कार्यवाहक डीजीपी के बाद अब कुछ ‘पुलिस सेवाओं की आउटसोर्सिंग’ पर विचार किया जा रहा है। ठेके पर पुलिस होगी तो, न ही उसकी कोई जवाबदेही होगी, न ही गोपनीय और संवेदनशील सूचनाओं को बाहर जाने से रोका जा सकेगा।’
उन्होंने कहा, ”पुलिस सेवा में भर्ती के इच्छुक युवाओं की ये आशंका है कि इसके पीछे आउटसोर्सिंग का माध्यम बनने वाली कंपनियों से ‘काम के बदले पैसा’ लेने की योजना हो सकती है।” अपने आरोप के आधार के रूप में उन्होंने कोरोना वैक्सीन बनाने वाली एक प्राइवेट कंपनी का उदाहरण दिया और कहा कि आउटसोर्सिंग का ये विचार तत्काल त्यागा जाए और उत्तर प्रदेश के युवाओं को नियमित, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सीधी नियुक्ति प्रक्रिया के माध्यम से नौकरी दी जाए। इसी तरह आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि यह प्रदेश की सुरक्षा के साथ मजाक है।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है कि उप्र में उपनिरीक्षक स्तर पर आउटसोर्सिंग पर भर्तियों पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में अधिकारियों को पत्र लिखा गया है, जो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित है। भाजपा सरकार ने अग्निपथ स्कीम लाकर हमारी सेना और युवाओं दोनों का भविष्य कमजोर किया है। अब यूपी पुलिस में यही खेल करने का प्रयास चल रहा है।