लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन ने राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों के नियमित एवं पूर्णकालिक कर्मचारियों तथा यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत पदधारकों को 1 जनवरी, 2024 से बढ़ी हुई दर पर महंगाई भत्ते का भुगतान करने का निर्णय लिया है। हालांकि इसमें उन कर्मियों को शामिल किया जाएगा, जिनके द्वारा 1 जनवरी 2006 से पुनरीक्षित वेतन संरचना का चयन नहीं किया गया है अथवा जिनके वेतनमान पुनरीक्षित नहीं हुए हैं और वे पांचवें वेतन आयोग द्वारा संस्तुत एवं राज्य सरकार द्वारा लागू की गई वेतन संरचना में कार्यरत हैं।
आदेश के मुताबिक महंगाई भत्ता की बढ़ी हुई राशि का भुगतान एक जून, 2024 से नकद किया जाएगा। संशोधित दर पर महंगाई भत्ते की एक जनवरी 2024 से 31 मई, 2014 तक की देय अवशेष राशि अधिकारी एवं कर्मचारी के भविष्य निधि खाते में आयकर एवं सरचार्ज की कटौती के बाद जमा की जाएगी। इसे 1 जून, 2025 से पहले निकाला नहीं जा सकेगा। यदि कोई भविष्य निधि खाते का सदस्य नहीं है, तो अवशेष धनराशि उसके पीपीएफ में जमा कराई जाएगी अथवा नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट के रूप में दी जाएगी।
राशि के जिस अंश का सर्टिफिकेट उपलब्ध न हो, वह उसे नकद दी जाएगी। राष्ट्रीय पेंशन योजना से आच्छादित कर्मियों को देय महंगाई भत्ते की बीते पांच माह की अवशेष राशि के 10 प्रतिशत के बराबर टियर-1 पेंशन खाते में जमा की जाएगी। बाकी 90 फीसदी राशि पीपीएफ में जमा कराई जाएगी अथवा नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट के रूप में दी जाएगी। जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवाएं इस शासनादेश के जारी होने से पहले समाप्त हो गई हैं, अथवा जो एक जनवरी, 2024 से शासनादेश जारी होने की तिथि तक सेवानिवृत्त हो गए हैं, अथवा 6 माह के भीतर होने वाले हैं, उनको देय महंगाई भत्ते के बकाये की संपूर्ण धनराशि का भुगतान नकद किया जाएगा।
शासन ने अखिल भारतीय सेवा वाले अधिकारियों को भी महंगाई भत्ता देने का आदेश जारी कर दिया है। पांचवें वेतन वालों को 443 फीसदी, जबकि छठे वेतन वालों को 239 फीसदी की दर से भुगतान किया जाएगा।