Thursday, November 21, 2024
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उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव, जाने समीकरण कैसे हैं? 

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इसे लेकर सियासी हलचल शुरू हो चुकी है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें से ज्यादातर सीटें उन सीटों के विधायकों के सांसद बनने की वजह से हो रहे हैं। वहीं, एक विधायक के अयोग्य घोषित होने के बाद उपचुनाव की नौबत आई है।

जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें अलीगढ़ जिले की खैर, अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, कानपुर नगर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, गाजियाबाद की गाजियाबाद, मिर्जापुर की मझवां, मुरादाबाद की कुंदरकी और मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट शामिल है।
सभी 10 सीटों पर समीकरण कैसे हैं?
करहल, मैनपुरी: 
उत्तर प्रदेश में जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें सबसे चर्चित करहल सीट है। यादव बहुल करहल सीट अखिलेश यादव के सांसद बनने से रिक्त हुई है। यहां के विधायक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव थे जो 2024 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज से जीतकर सांसद बन गए हैं। सपा की तरफ से अखिलेश यादव ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में करहल सीट पर जीत दर्ज की थी। उस चुनाव में अखिलेश ने भाजपा के एसपी सिंह बघेल को शिकस्त दी थी।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यहां से अखिलेश परिवार के तेज प्रताप सिंह यादव को उतारा जाना करीब-करीब तय है। वहीं, भाजपा भी इस चुनाव की तैयारी में जुट गई है। पार्टी ने उपचुनाव के लिए उत्तर प्रदेश सरकार में संस्कृति और पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह को प्रभारी मंत्री बनाया है। इस बीच, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष स्वर्गीय मदन चौहान के पुत्र शिवम चौहान ने पार्टी से टिकट मांगा है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में टिकट मांगना सभी का अधिकार है। अगर पार्टी उनको टिकट देती है तो वह करहल सीट पर ऐतिहासिक जीत दर्ज कराएंगे।

मिल्कीपुर, अयोध्या: हाल के लोकसभा चुनाव के बाद जिन सीटों पर हार-जीत की सबसे ज्यादा चर्चा हुई उसमें फैजाबाद (अयोध्या) शामिल है। यूपी में भाजपा की सीटें कम होने के साथ अयोध्या जिले की फैजाबाद लोकसभा सीट पर भी हार का सामना करना पड़ा था। सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद यहां से करीब 54 हजार मतों से जीत गए थे। लोकसभा का चुनाव जीतने वाले अवधेश प्रसाद 2022 में फैजाबाद जिले की मिल्कीपुर (सुरक्षित) सीट से जीते थे। उन्होंने भाजपा के गोरखनाथ को हराया था।

अब उपचुनाव के लिए मिल्कीपुर (एससी) सीट से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत सपा से टिकट के दावेदार हैं। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, सपा नेतृत्व नहीं चाहता है कि अवधेश की जीत से बने माहौल को कोई नुकसान पहुंचे, इसलिए उनके बेटे के बजाय किसी अन्य को लड़ाने पर विचार किया जा रहा है। मिल्कीपुर सीट पर सपा के पास कई दावेदार हैं।

दूसरी तरफ भाजपा से पूर्व विधायक गोरखनाथ समेत टिकट के दावेदारों के रूप में कई नाम हैं। इनमें पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी, नीरज कनौजिया, आरएसएस की पृष्ठभूमि से जुड़े रहे जिला महामंत्री काशीराम रावत, राधेश्याम त्यागी, चंद्रभानु पासवान, लक्ष्मी रावत और जिला पंचायत सदस्य बबलू पासी प्रमुख हैं।

कटेहरी, अंबेडकर नगर: यहां से सपा के विधायक रहे लालजी वर्मा भी अब लोकसभा के सांसद बन गए हैं। उनके इस्तीफे से कटेहरी सीट पर उपचुनाव होना है। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के लालजी वर्मा में एडीए गठबंधन में शामिल निषाद पार्टी के टिकट पर उतरे अवधेश कुमार द्विवेदी को शिकस्त दी थी।

आगामी उपचुनाव के लिए सांसद लालजी वर्मा की बेटी छाया वर्मा को लड़ाने की चर्चा है। सूत्र बताते हैं कि सपा की ओर से कटेहरी से किसी ब्राह्मण या मांझी दावेदार को मौका मिल सकता है। दूसरी ओर भाजपा ने उपचुनाव को लेकर तीन-तीन मंत्रियों- स्वतंत्र देव सिंह, संजय निषाद और दयाशंकर मिश्र दयालु को यहां की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके साथ ही यहां भाजपा से चुनाव लड़ने को लेकर अभी से ही तगड़ी दावेदारी शुरू हो गई है। इसमें पूर्व मंत्री धर्मराज निषाद, अवधेश द्विवेदी के अलावा पूर्व जिलाध्यक्ष रमाशंकर सिंह, वरिष्ठ नेता राणा रणधीर सिंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुधीर सिंह मिंटू आदि का नाम मुख्य रूप से शामिल है।

कुंदरकी, मुरादाबाद: कुंदरकी विधानसभा सीट से विधायक जिया उर रहमान संभल से सपा के सांसद बन गए हैं। जिया उर के विधायक पद से इस्तीफे के बाद कुंदरकी में उपचुनाव होना है। 2022 विधानसभा चुनाव में सपा के जिया उर रहमान ने भाजपा उम्मीदवार कमल कुमार को हराया था। आने वाले उपचुनाव में सपा कुंदरकी से किसी मुस्लिम चेहरे को उतार सकती है। मुरादाबाद से पूर्व सपा सांसद एसटी हसन भी दावेदारी पेश कर रहे हैं। पूर्व सांसद ने कहा कि अखिलेश कहें तो वह तैयार हैं। जियाउर रहमान के पिता मामलुक उर रहमान और यहां के पूर्व विधायक मोहम्मद रिजवान भी इस सीट पर सपा के दावेदारों में शामिल हैं।
सीसामऊ, कानपुर नगर: जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें सीसामऊ अकेली सीट है जहां मौजूदा विधायक की अयोग्यता के चलते उपचुनाव होगा। तत्कालीन सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा सुनाए जाने के बाद यह सीट रिक्त हुई है। 2022 के चुनाव में सपा की तरफ से उतरे इरफान ने भाजपा के सलिल विश्नोई को हराया था। कहा जा रहा है कि उपचुनाव के लिए सपा इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को टिकट देगी। इस सीट पर भाजपा में टिकट के लिए कई दावेदार हैं। इनमें पार्षद से लेकर पार्टी पदाधिकारी और यहां तक कि कई गैर राजनीतिक लोगों के नाम भी चर्चा में हैं।
गाजियाबाद: भाजपा विधायक अतुल गर्ग इस लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद लोकसभा सीट से सांसद बन गए हैं। 2022 में गर्ग गाजियाबाद विधानसभा सीट से जीते थे। उनके सांसद बनने के बाद इस सीट पर उपचुनाव होना है। गत विधानसभा चुनाव में भाजपा के अतुल गर्ग ने सपा उम्मीदवार विशाल वर्मा को हराया था। चुनाव लड़ने के लिए भाजपा में टिकट पाने के लिए लंबी लाइन है। वहीं विधानसभा उपचुनाव भी लोकसभा की तरह कांग्रेस-सपा गठबंधन के दल भी मिलकर लड़ेंगे। यहां सपा जाट और दलित समीकरणों पर विचार कर रही है।
फूलपुर, प्रयागराज: फूलपुर विधानसभा सीट से विधायक प्रवीण पटेल फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुन लिए गए हैं। प्रवीण के विधायक पद से इस्तीफे के चलते उपचुनाव होगा। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रवीण पटेल ने सपा उम्मीदवार मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी को हराया था। आने वाले उपचुनाव में इस सीट से भाजपा के दावेदारों की बात करें तो उसमें निवर्तमान सांसद केशरी देवी पटेल के बेटे दीपक पटेल का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। इसके अलावा इस सीट से विक्रमजीत सिंह मौर्य और पूर्व गंगापार अध्यक्ष कन्हैया लाल पांडेय भी टिकट के दावेदारों में शामिल हैं। सपा में जिन नामों पर चर्चा है उसमें राजेंद्र पटेल, पूर्व सांसद धर्मराज पटेल, पूर्व विधायक मुर्तजा सिद्दीकी और इस बार का लोकसभा चुनाव लड़ चुके अमरनाथ मौर्य का नाम शामिल है।
मीरापुर, मुजफ्फर नगर: राष्ट्रीय लोक दल के चंदन चौहान मीरापुर सीट से विधायक थे। चंदन ने इस लोकसभा चुनाव में बिजनौर सीट से अपनी किस्मत आजमाई और सफल भी हुए। चंदन चौहान के विधायक पद से इस्तीफे की वजह से मीरापुर में उपचुनाव होना है। गत विधानसभा चुनाव में रालोद के चंदन चौहान ने भाजपा उम्मीदवार प्रशांत चौधरी को हराया था। उस चुनाव में रालोद सपा के साथ गठबंधन में लड़ी थी। अब उपचुनाव के लिए बसपा से रालोद में आए चौधरी विजेंद्र सिंह मीरापुर से टिकट के दावेदारों में हैं। विजेंद्र सिंह ने बिजनौर लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उधर सपा की तरफ से मीरापुर सीट पर मुस्लिम, गुर्जर और जाट दावेदारों के नाम पर विचार किया जा रहा है।
मझवां, मिर्जापुर: यहां से निषाद पार्टी के विधायक रहे डॉ. विनोद कुमार बिंद भी अब लोकसभा के सांसद बन गए हैं। उनके इस्तीफे से मझवां सीट पर उपचुनाव होना है। 2022 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी के टिकट पर उतरे विनोद कुमार बिंद ने सपा के रोहित शुक्ल को शिकस्त दी थी। उपचुनाव के लिए मझवां से निषाद पार्टी अपना उम्मीदवार उतार सकती है। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कटेहरी और मझवां विधानसभा सीटों पर दावेदारी पेश की है। उधर सपा की तरफ से मझवां में ब्राह्मण या बिंद बिरादरी के नेता को मौका मिल सकता है।
खैर, अलीगढ़: भाजपा के अनूप प्रधान वाल्मीकि खैर सीट से विधायक थे। अनूप ने इस लोकसभा चुनाव में हाथरस सीट से अपनी किस्मत आजमाई और सफल भी हासिल की। उनके विधायक पद से इस्तीफे की वजह से खैर में उपचुनाव होना है। गत विधानसभा चुनाव में भाजपा के अनूप प्रधान वाल्मीकि ने बसपा की उम्मीदवार चारू को हराया था। आगामी उपचुनाव के लिए सपा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अच्छा प्रदर्शन कर चुकीं एक नेता के नाम पर विचार कर रही है। भाजपा में भी दावेदारों की होड़ है लेकिन अभी किसी नाम पर निर्णय नहीं हुआ है।
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