Thursday, November 21, 2024
No menu items!

69 हज़ार शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाला: हाईकोर्ट ने चयनित अभ्यर्थियों की सूची नए सिरे से जारी करने का दिया आदेश…

Must Read

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 2019 में हुई 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों की सूची नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने 1 जून 2020 और 5 जनवरी 2022 की चयन सूचियां को दरकिनार कर नियमों के तहत तीन माह में नई चयन सूची बनाने के निर्देश दिए। कोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। वहीं पिछली सूची के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की सेवा पर भी संकट खड़ा हो गया है।

न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने आरक्षण कोटे का सही से अनुपालन न किए जाने के मामले में पिछले साल 13 मार्च को दिए गए एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली अशोक यादव व अन्य अभ्यर्थियों की 90 विशेष अपीलो पर यह फैसला दिया है। कोर्ट ने बीते मार्च में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट ने बीते मंगलवार को सुनाया था। फैसला हाईकोर्ट की बेबसाइट पर शुक्रवार को अपलोड हुआ।

कोर्ट ने कहा नई चयन सूची में 1981 के नियम के तहत आरक्षण अधिनियम 1994 के मुताबिक आरक्षण नीति का पालन किया जाए। अगर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी की मेरिट सामान्य श्रेणी के बराबर आए तो वह सामान्य श्रेणी में आ जाएगा। इन निर्देशों के तहत ऊपरी क्रम में आरक्षण दिया जाएगा। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि सूची तैयार करने में अगर कोई कार्यरत अभ्यर्थी प्रभावित हो तो राज्य सरकार या सक्षम प्राधिकारी उसे सत्रांत का लाभ प्रदान करेंगें। जिससे इसका खामियाजा विद्यार्थियों को न भुगतना पड़े। कोर्ट ने इन निर्देशों के अनुसार एकल पीठ के आदेश व निर्देशों को संशोधित कर दिया। इस मामले में 69 हजार प्राथमिक सहायक शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण के विवाद के मुद्दे उठाए गए थे।

इस मामले में परिषदीय विद्यालयों के 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरक्षण विसंगति पाए जाने पर हाईकोर्ट ने 13 मार्च 2023 को 6800 अभ्यर्थियों की सूची रद्द करते हुए पूरी लिस्ट को फिर से देखने का आदेश राज्य सरकार को दिया था, इसके खिलाफ 19000 सीटों पर विवाद को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की दो न्यायाधीशों के खंडपीठ में विशेष अपील दाखिल की थी। पिछले साल 13 मार्च को एकल पीठ ने मामले में 1 जून 2020 को जारी सहायक अध्यापक के चयन से जुड़ी सूची को तीन माह में संशोधित करने का निर्देश दिया था।

कोर्ट ने इसके साथ ही भर्ती परीक्षा के क्रम में आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 को जारी हुई चयन सूची को भी खारिज कर दिया था। इस चयन सूची को यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि इसे बिना किसी विज्ञापन के जारी किया गया था। याचियों की तरफ से अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमावली का सही से पालन नहीं किया गया। इस कारण आरक्षित वर्ग में चयनित 18,988 अभ्यर्थियों को जारी कटऑफ में 65 परसेंट से ज्यादा अंक प्राप्त करने के बावजूद सामान्य श्रेणी की सूची में शामिल नहीं किया गया। इनकी नियुक्ति प्रक्रिया को आरक्षित श्रेणी में ही पूरा कर दिया गया, जो आरक्षण नियमावली का उल्लंघन था।

इससे आरक्षित श्रेणी के अन्य अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो सका। इसी को लेकर कई अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में अलग अलग याचिकाएं दाखिल की थी। इनमें से कुछ याचिकाओं में चयन सूची को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि आरक्षित श्रेणी के उन अभ्यर्थियों को भी आरक्षित श्रेणी में ही जगह दी गई है जिन्होंने अनारक्षित वर्ग के लिए तय कट ऑफ मार्क्स प्राप्त किए हैं। जबकि, अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल याचिकाओं में कहा गया था कि आरक्षित वर्ग के उन अभ्यर्थियों को गलत तरीके से अनारक्षित वर्ग में रखा गया, जिन्होंने टीईटी व सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरक्षण का लाभ ले लिया था। इन याचिकाओं में एक बार आरक्षण का लाभ लेने के बाद अनारक्षित वर्ग में अभ्यर्थियों का चयन किए जाने को विधि विरुद्ध बताया गया था, जबकि दो याचिकाओं में आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को चुनौती दी गई थी।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img
Latest News

घोषित हुआ यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल परीक्षा का रिजल्ट,174316 अभ्यर्थी सफल….

लखनऊ: यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल पुलिस भर्ती परीक्षा में 34 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने भाग लिया था। इन सभी...
- Advertisement -spot_img

More Articles Like This

- Advertisement -spot_img